Gupt Navratri 2024 Starting Today on 10 Feb 2024
आइए गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) की धूम में डूब जाएं…
जब सूरज चैत्र के अंचल में सो जाता है और रात्रि कालीन रहस्य गहराता है, तब शुरू होता है गुप्त नवरात्रि का पावन पर्व। ये नवरात्रि अलग है, खास है, मानो शक्ति की कोई गुप्त साधना हो। इसमें खुलेआम उत्सव कम मनाते हैं, आत्मिक ज्योति की खोज ज्यादा करते हैं। चलिए आज इस रहस्यमयी त्योहार के बारे में जानते हैं और माता की भक्ति में लीन हो जाते हैं।
क्यों कहते हैं इसे “गुप्त” नवरात्रि?
इसका नाम ही बता देता है इसकी क्या खासियत है। ये नवरात्रि चुपचाप, मन ही मन मनाई जाती है। न तो ढोल बजते हैं, न ही शंख की गूंज सुनाई देती है। मंदिरों की रौनक से दूर, घरों के भीतर मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की उपासना होती है। माना जाता है कि साधना गुप्त ही फलती है, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।
कब मनाते हैं गुप्त नवरात्रि?
साल में दो बार चैत्र और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि आती है। अभी तो बस आज के ही दिन पहले यानी 10 फरवरी से चैत्र गुप्त नवरात्रि शुरू हो चुकी है। यह 9 दिन तक चलने वाली साधना का समय है।
क्या खास होता है गुप्त नवरात्रि में?
इस नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की जगह दस महाविद्याओं की पूजा होती है। ये दस महाविद्याएं शक्ति के दस अलग-अलग रूप हैं – काली, तारा, त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला। हर दिन एक महाविद्या की विशेष आराधना होती है। साथ ही, तंत्र साधना और मंत्र जप का विशेष महत्व होता है।
आम लोगों के लिए क्या है इसमें खास?
भले ही साधना गुप्त तरीके से हो, लेकिन आम लोगों के लिए भी इस नवरात्रि में बहुत कुछ खास है। मनोकामना पूरी करने से लेकर आत्मिक शांति पाने तक, हर चीज के लिए मां की उपासना की जा सकती है। सुबह-शाम पूजा-पाठ, मंत्र जप और व्रत रखने से मन की अशांति दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तो देर किस बात की? आप भी इस गुप्त नवरात्रि में शामिल हों। मां की कृपा पाने के लिए जरूरी नहीं है कि ढोल बजाएं या भव्य पूजा करें। मन में श्रद्धा, घर में एक छोटा कलश और सच्ची भक्ति ही काफी है।
आइए, इस पावन अवसर पर आत्मिक शांति और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मां की शरण में झुकें। माँ से यह प्रार्थना करते हैं कि विश्व में हर तरफ सुख और शांति हो और सभी में आपसी भाईचारा और सौहार्द हो।
जय माता दी!!!