Solar Eclipse on 8th April 2024: Its Effect
ग्रहण क्या होता है?
ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब होती है जब एक खगोलीय पिंड (जैसे कि ग्रह या चंद्रमा) दूसरे खगोलीय पिंड (जैसे कि सूर्य या चंद्रमा) की छाया में आ जाता है।
ग्रहण के प्रकार:
सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब सूर्य ग्रहण होता है।
चंद्र ग्रहण: जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है, तब चंद्र ग्रहण होता है।
ग्रहण कहाँ दिखाई देते हैं?
ग्रहण पृथ्वी के उन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं जहाँ ग्रहण करने वाला पिंड सूर्य या चंद्रमा के बीच होता है।
सूर्य ग्रहण 2024 की विस्तृत जानकारी
ग्रहण का समय:
शुरुआत: 8 अप्रैल 2024, रात 9:12 बजे (IST)
अंत: 9 अप्रैल 2024, सुबह 2:22 बजे (IST)
अधिकतम ग्रहण: 11:47 बजे (IST)
ग्रहण का दृश्य: (Where this Solar Eclipse will be visible)
यह ग्रहण उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
ग्रहण का प्रभाव:
ग्रहण का प्रभाव कई तरह का हो सकता है, जैसे कि:
प्रकाश में कमी: ग्रहण के दौरान, ग्रहण करने वाला पिंड दूसरे पिंड से प्रकाश को अवरुद्ध करता है, जिससे प्रकाश में कमी आती है।
तापमान में परिवर्तन: ग्रहण के दौरान, तापमान में परिवर्तन हो सकता है।
ज्वारीय प्रभाव: ग्रहण का प्रभाव ज्वार पर भी पड़ सकता है।
सूर्य का प्रकाश कम हो जाएगा: ग्रहण के दौरान सूर्य का प्रकाश कम हो जाएगा और कुछ देर के लिए अंधेरा छा जाएगा।
तापमान में गिरावट: ग्रहण के दौरान तापमान में गिरावट आ सकती है।
पक्षी और जानवर भ्रमित हो सकते हैं: ग्रहण के दौरान पक्षी और जानवर भ्रमित हो सकते हैं और अजीब व्यवहार कर सकते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियां: Precautions During Solar Eclipse
ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें: ग्रहण को नंगी आंखों से देखने से आंखों को नुकसान हो सकता है। ग्रहण को देखने के लिए विशेष चश्मे या ग्रहण फिल्टर का उपयोग करें।
कुछ धार्मिक व आध्यात्मिक धारणाओं के अनुसार ग्रहण अवधि मे कुछ गतिविधियां बंद कर देनी चाहिए। इस अवधि मे मंदिरॉ मे भजन, कीर्तन आदि चलता रहता है और ग्रहण अवधि के समाप्त होने पर स्नान करके दान आदि करने की मान्यता है।
गर्भवती महिलाओं को बाहर न निकलना चाहिए: गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है।
खाना-पीना बंद कर दें: ग्रहण के दौरान खाना-पीना बंद कर दें और ग्रहण के बाद स्नान करें।